पलकों पे ओंस सा तेरा नाम सजा के
रखता हूँ यार मै तुझे ख्वाब बना के
पलकों पे ओंस सा तेरा नाम सजा के
रखता हूँ यार मै तुझे ख्वाब बना के
हर किस्से पे, हर पन्ने पे तुझको पढ़ता है
फिरता रहता है पागल सा, बस ये कहता है
के तुझ बिन
कि तुझ बिन नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी मेरा, माहिया
के तुझ बिन नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी मेरा, माहिया
कैसी दुआएँ? कैसी ये सदाएँ?
दिल क्यूँ तुम्हारा सुनता ही नही?
तुझको बुलाए, तुझको ही चाहे
दिल क्यूँ ये मेरा रुकता ही नही?
के मेरा हर लम्हा मेरा इक हिस्सा बन जाना
मेरी ख्वाहिश जो भी सारी पूरी कर जाना
कि तुझ बिन
के तुझ बिन नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी मेरा, माहिया
के तुझ बिन नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी मेरा, माहिया
टूटती रही मैं
डूबती रही मैं
ऐसा राबता भी क्या?
छूटते नही हैं आस के सिरे ये
तुमसे वास्ता है क्या?
तीखी-तीखी धूप में आके तू साया कर जा
भीगी-भीगी आँखो को छू ले, राहत कर जा
तू आजा, मेरे साजना
कि तुझ बिन नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी मेरा, माहिया
कि तुझ बिन मेरा नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी, नइ लगदा हाए
नइ लगदा जी मेरा, माहिया